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एनआरसीसी में अनुसूचित जाति उपयोजना तहत एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम पशुपालन व्‍यवसाय नहीं बल्कि एक समाज सेवा है- डॉ. पूनिया

 BBT Times, बीकानेर



बीकानेर, 10 दिसम्बर ।  भाकृअनुप-राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र, बीकानेर द्वारा अनुसूचित जाति उपयोजना (SCSP) के अंतर्गत आज “शीत ऋतु में उष्ट्र प्रजनन एवं नवजात स्वास्थ्य प्रबंधन” विषयक एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में बीकानेर जिले के विभिन्न गांवों यथा- नगासर, पलाना,  किलचू, काकड़वाला, कतरियासर, मुकाम, गीगासर आदि से 122 पशुपालकों (महिला एवं पुरुष) ने सहभागिता निभाई ।
कार्यक्रम में केंद्र के विशेषज्ञ वैज्ञानिकों ने पशुपालकों को पशुधन एवं कृषि आधारित उपयोगी जानकारी प्रदान की। निदेशक डॉ. अनिल कुमार पूनिया ने कहा कि इस योजना के माध्यम से समुदायों के समाजार्थिक स्तर में सुधार लाने हेतु नियमित प्रशिक्षण, पशु स्वास्थ्य शिविर और किसान परिचर्चा आयोजित की जाती है। उन्होंने ऊँट पालन व्यवसाय की महत्ता और संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया।
इस अवसर पर प्रधान वैज्ञानिकों में डॉ. समर कुमार घौरुई ने सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने का मार्गदर्शन दिया, डॉ. राकेश रंजन ने सर्दियों में खुरपका, मुंहपका रोग और टीकाकरण की जानकारी साझा की वहीं डॉ. वेद प्रकाश ने प्रजनन समय, नर ऊँट का चयन और दूध उत्पादकता बढ़ाने पर ध्यान देने की बात कही। वरिष्‍ठ वैज्ञानिक डॉ. प्रियंका गौतम ने फसल चयन, मृदा पोषण और उष्ट्र मूत्र उपयोग संबंधी सुझाव दिए। डॉ. श्यामसुंदर चौधरी, वैज्ञानिक  ने सर्दियों में पशु रखरखाव, खनिज लवण पूर्ति और रोग सुरक्षा की जानकारी दी। डॉ. काशी नाथ, पशु चिकित्सा अधिकारी ने पशुओं के स्वास्थ्य और उत्पादन के लिए अंतः एवं बाह्य परजीवियों से बचाव, खनिज-लवण मिश्रण, कृमिनाशक दवाओं का महत्व बताया । 
कार्यक्रम में सहायक मुख्य तकनीकी अधिकारी एवं नोडल अधिकारी श्री मनजीत सिंह ने सभी प्रतिभागियों और विशेषज्ञों का धन्यवाद ज्ञापित किया। 

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