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डूंगर महाविद्यालय में एक दिवसीय संभाग स्तरीय एनएसएस कार्यशाला आयोजित

 BBT Times, बीकानेर



बीकानेर, 15 अक्टूबर। राजकीय डूँगर महाविद्यालय में कॉलेज शिक्षा आयुक्तालय एवं राजकीय डूँगर महाविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में बुधवार को संभाग स्तरीय एक दिवसीय राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला में बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ तथा चूरू जिलों से आए जिला समन्वयकों, कार्यक्रम अधिकारियों एवं स्वयंसेवकों ने भाग लिया।
कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन से हुआ।
मुख्य अतिथि खाजूवाला विधायक डॉ. विश्वनाथ मेघवाल ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका सर्वाेपरि है। एनएसएस स्वयंसेवक समाज के सबसे मजबूत स्तंभ हैं, जो ग्रामीण अंचल से लेकर विश्वविद्यालय तक विकास की चेतना जगाते हैं। उन्होंने स्वयंसेवकों से आत्मविश्वास और अनुशासन को जीवन का आधार बनाने का आह्वान किया।
कार्यशाला संयोजक एवं एनएसएस समन्वयक डॉ. घनश्याम बीठू ने कार्यशाला के उद्देश्य एवं रूपरेखा का परिचय दिया। उन्होंने बताया कि आयोजन का मूल उद्देश्य एनएसएस के कार्यों को अधिक संगठित, पारदर्शी एवं प्रभावी बनाना था।
महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. आर. के. पुरोहित ने स्वागत भाषण में कहा कि एनएसएस केवल एक सेवा योजना नहीं, बल्कि युवाओं में ‘सेवा परमो धर्मः की भावना को जागृत करने वाला आंदोलन है। उन्होंने कहा कि डूँगर महाविद्यालय के एनएसएस इकाई ने शिक्षा, पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छता, साक्षरता एवं रक्तदान जैसे क्षेत्रों में निरंतर अनुकरणीय योगदान दिया है।
विशिष्ट वक्ता राज्य समन्वयक एवं कार्यशाला निदेशक (एनएसएस राजस्थान) डॉ. के. के. कुमावत ने एनएसएस की संरचना, नवीन नीतियों एवं डिजिटल प्रबंधन प्रणाली पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने बताया कि पीएफएमएस और डिजिटल लॉकर जैसी प्रणालियाँ सेवा कार्यों को अधिक पारदर्शी और व्यवस्थित बनाती हैं।
तकनीकी सत्र प्रथम में डॉ. कुमावत ने स्वयंसेवकों और कार्यक्रम अधिकारियों को पीएफएमएस की वित्तीय पारदर्शिता प्रणाली का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया। उन्होंने सटीक रिपोर्टिंग और डिजिटल प्रमाणन प्रक्रिया के माध्यम से एनएसएस कार्यों की विश्वसनीयता बढ़ाने के उपाय बताए।
तकनीकी सत्र द्वितिय में श्री रघुवीर सिंह (ए.एस.पी.,सी.डी.टी.आई. जयपुर) ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) एवं साइबर सुरक्षा पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने युवाओं को डिजिटल सावधानी एवं साइबर अपराध से बचाव के उपायों पर प्रशिक्षित किया।
तकनीकी सत्र तृतीय में एसआरकेपीएस के कार्यकारी निदेशक राजन चौधरी ने नशा मुक्ति आंदोलन में युवाओं की भूमिका पर प्रेरक विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि युवा समाज के प्रेरक दूत बनकर नशा उन्मूलन के अभियान को नई गति दे सकते हैं।
कार्यशाला के समापन सत्र में डॉ. दिग्विजय सिंह, संयोजक, वेस्टर्न ज़ोन एबीआरएसएम ने मुख्य अतिथि के रूप में कहा कि एनएसएस समाज में आशा, अनुशासन और एकता की ज्योति प्रज्वलित करता है तथा नशे की प्रवृत्ति से समाज को दूर रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
विशिष्ट अतिथि कॉलेज शिक्षा के सहायक निदेशक डॉ. पुष्पेंद्र सिंह ने नशा मुक्ति, कार्य नैतिकता एवं अनुशासन के महत्व पर बल दिया।
कार्यशाला की रिपोर्ट डॉ. प्रकाश गर्ग ने प्रस्तुत की। एनएसएस के जिला समन्वयक डॉ. हेमेंद्र अरोड़ा ने बीकानेर ने सभी अतिथियों एवं प्रतिभागियों के प्रति आभार प्रकट किया। मंच संचालन डॉ. रविकांत व्यास ने किया।
कार्यशाला का संचालन एवं समन्वयन डॉ. घनश्याम बीठू ने किया गया। संभाग के चारों जिलों से आए 100 से अधिक कार्यक्रम अधिकारियों एवं स्वयंसेवकों की भागीदारी रही। 

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